CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में शामिल एक मॉल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है
चिनूक की पेलोड क्षमता लगभग 10 टन है यानी यह 10 टन तक के भार को कहीं भी आसानी ले जा सकता है.
चिनूक भारी ऊँचाइयों तक भारी पेलोड पहुंचा सकता है और यह उच्च हिमालय सरखलाओ तक भी आसानी से पहुंच जाता है
चिनूक हेलीकाप्टर को दिया गया यह नाम आधुनिक अमेरिकी वाशिंगटन राज्य के मूल निवासी चिनूक लोगों के नाम पर रखा गया है
चिनूक की खूबियों में यह भी शामिल है कि यह घने कोहरे और धुंध में भी यह एक्शन लेने में सक्षम है.
चिनूक हेलीकाप्टर का उत्पादन अमेरिका की बोइंग कम्पनी द्वारा किया जाता है
चिनूक की पहली इकाई को IAF में 25 मार्च, 2019 को चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन 12 विंग में शामिल किया गया है.
भारत में चिनूक ने हाल ही में अब तक की सबसे लम्बी दुरी तक उड़ान भरने का रिकॉर्ड बनाया है जोकि चंडीगढ़ से असम के जोरहाट तक की उड़ान भरी थी।
जोकि साढ़े सात घंटे की उड़ान थी जिसमे चिनूक ने बिना रुके सबसे लंबी उड़ान में लगभग 1910 किलोमीटर की दूरी तय की
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